मौलाना आजाद डेंटल अस्‍पताल की डॉक्‍टर ने निकाली केजरीवाल के दावों की हवा

मौलाना आजाद डेंटल अस्‍पताल की डॉक्‍टर ने निकाली केजरीवाल के दावों की हवा

अम्बुज यादव

दिल्ली समेत उत्तर भारत में ठंड का कहर जारी है, लेकिन दिल्ली में चुनावी सरगर्मियां गर्म हैं। एक तरफ जहां आम आदमी पार्टी अपने किए कार्यों के दावों के जरिये जनता को लुभाने की कोशिश कर रही हैं वहीं दूसरी तरफ विपक्ष नये वादों और दावों के साथ अरविंद केजरीवाल को टक्कर देने का मास्टर प्लान बना चुका है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के इस टकराव में sehatraag.com अपनी भूमिका निभाकर दिल्‍ली सरकार के अस्‍पतालों का दौरा कर मरीजों और डॉक्‍टरों से बात कर केजरीवाल सरकार के दावों की हकीकत जनता के सामने रख रहा है। केजरीवाल के दावों की पड़ताल में हमने पिछले हफ्ते एलएनजेपी और जीबी पंत अस्‍पतालों का दौरा कर वहां की स्थिति अपने पाठकों को बताई थी। इस कड़ी में आज हम मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज का जायजा लेने पहुंचे। आइये जानते हैं इस अस्‍पताल के बारे में क्‍या है लोगों की राय:

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मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज और अस्‍पताल दिल्‍ली सरकार का एक महत्‍वपूर्ण संस्‍थान है। जहां तक नाम से ही जाहिर है ये पूरी तरह दांतों का अस्‍पताल है और यहां दांतों से संबंधित सभी आधुनिक च‍िकित्‍सा सुविधाएं उपलब्‍ध हैं। अस्‍पताल का परिसर निश्चित रूप से बेहद साफ सुथरा है मगर केजरीवाल के इस दावे की हकीकत अभी सामने आनी बाकी थी कि दिल्‍ली के सभी अस्‍पतालों में मरीजों को न‍ि:शुल्‍क दवा और सभी जांच न‍ि:शुल्‍क उपलब्‍ध है। सेहतराग ने इस बारे में पहले तो अस्‍पताल में मौजूद मरीजों से बात की। इस बातचीत के दौरान कई लोग च‍िकित्‍सा सुविधाओं से खुश दिखे तो वहीं कई लोग नाराज भी दिखे।

अस्‍पताल में अपने पिता के इलाज के लिए आए संजीव ने अस्‍पताल की साफ-सफाई के बारे में कहा कि पहले की तुलना में अस्‍पताल में सफाई और रख रखाव बेहतर है। यही नहीं नए ब्‍लॉक्‍स भी काम करने लगे हैं जिसके कारण ये पहले से विकसित हुआ है। इसी तरह हमने इलाज के लिए वहां आए अब्दुल नामक मरीज से बात की। अब्‍दुल ने कहा कि वो कई सालों से इसी अस्‍पताल में दांतों के इलाज के लिए आ रहे हैं। उनसे हमने पूछा कि क्या उन्‍हें अस्‍पताल में मुफ्त दवाएं मिल रही हैं तो उन्‍होंने कहा कि सारा इलाज और दवाएं उन्‍हें अस्‍पताल से मुफ्त मिल रहा है।

हालांकि कुछ मरीज इन दावों से सहमत नहीं दिखे और उन्‍होंने कहा कि अस्‍पताल में कई दवाएं नहीं मिलती हैं। इन मरीजों की बात का समर्थन अस्‍पताल की एक इंटर्न डॉक्‍टर ने भी किया। इस डॉक्‍टर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर sehatraag को बताया कि अस्‍पताल में अधिकांश दवाएं उपलब्‍ध नहीं होती हैं। डॉक्‍टर जो दवाएं लिखते हैं उनमें से कई जरूरी दवाएं मरीजों को बाहर से खरीदनी होती है। इसके अलावा कई तरह की जांचों के लिए मरीजों को लंबा इंतजार भी करना पड़ता है क्‍योंकि मरीजों की संख्‍या अधिक हैं जबकि उसके मुकाबले सुविधाएं कम हैं। वैसे साफ सफाई के मामले में इस डॉक्‍टर ने भी वर्तमान प्रबंधन की प्रशंसा की।

जाहिर सी बात है कि अरविंद केजरीवाल के दावों पर मरीज भी बंटे हुए हैं मगर एक डॉक्‍टर ने ही वहां की असलियत सामने रख दी है। अब चुनाव में केजरीवाल का क्‍या होगा ये तो जनता तय करेगी मगर दिल्‍ली के अस्‍पतालों का हमारा दौरा जारी रहेगा और आगे हम लोगों के सामने मोहल्‍ला क्लिनिकों का हाल भी रखेंगे।

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